हमारे गांव में बहुत से बुजुर्ग हैं, जिनकी जिंदगी बुढ़ापे में और भी कठिन हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर कमजोर हो जाता है, काम करने की ताकत नहीं रहती, और आर्थिक संकट भी सिर पर होता है। बहुत बार देखा है, हमारे गांव के बुजुर्गों को बुनियादी जरूरतें पूरी करने में भी परेशानी आती है। यही देखकर मुझे महसूस हुआ कि अगर सरकार ऐसी योजनाओं का फायदा गांवों के बुजुर्गों को पहुंचाए, तो उनकी जिंदगी में थोड़ा राहत मिल सकती है।
Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme (IGNOAPS) (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना) ने इसी सोच को हकीकत में बदला। इस योजना के जरिए बुजुर्गों को हर महीने पेंशन मिलती है, जिससे उनका जीवन थोड़ा और आसान हो जाता है। इस योजना से जुड़ी कुछ बातें मैं आपको बताना चाहता हूं, जो मुझे बहुत ही महत्वपूर्ण लगीं।

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Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme (IGNOAPS) का उद्देश्य
वृद्धावस्था के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रहे बुजुर्गों के लिए यह योजना एक सुरक्षा कवच साबित हुई है। हमारे गांव में कई बुजुर्ग हैं जो पहले खेती या छोटे-मोटे कामों से अपना जीवन चलाते थे, लेकिन अब उम्र बढ़ने के साथ वे ये काम नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार ने इस योजना के माध्यम से उन बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का कदम उठाया है। यह योजना खासकर उन बुजुर्गों के लिए है, जिनके पास कोई ठोस आय का साधन नहीं है।
इस योजना के तहत सरकार हर महीने पेंशन देती है, जिससे बुजुर्ग अपनी आवश्यकताएं जैसे भोजन, स्वास्थ्य, और अन्य दैनिक खर्चों को पूरा कर सकें। जब मैंने अपने गांव के बुजुर्गों से बात की, तो उन्होंने बताया कि इस पेंशन से उन्हें बहुत राहत मिली है। कुछ बुजुर्गों ने यह भी बताया कि पहले पेंशन की राशि कम थी, लेकिन अब बढ़ी हुई राशि से उन्हें अपनी जरूरतें बेहतर तरीके से पूरी करने का मौका मिलता है।
2024 में हुए बदलाव
2024 में इस योजना में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं, जिनसे यह योजना और अधिक प्रभावी बनी है। इन बदलावों के बाद बुजुर्गों को इस योजना से और भी ज्यादा फायदा मिल रहा है।
1. पेंशन राशि में वृद्धि
पहले, बुजुर्गों को ₹500 से ₹700 तक पेंशन मिलती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹1000 प्रति माह कर दिया गया है। यह वृद्धि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बुजुर्गों को अपनी बुनियादी जरूरतें जैसे भोजन, दवाइयां और अन्य खर्चे ठीक से पूरे करने में मदद मिलती है। मेरे एक चाचा जी ने बताया कि इस राशि से अब वे अपने घर का खर्च अच्छे से चला पा रहे हैं और दवाइयों का खर्च भी कवर कर पा रहे हैं।
2. आयुष्मान भारत योजना का लाभ
अब इस योजना के साथ आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी जुड़ गया है। इससे बुजुर्गों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। इससे अस्पताल में इलाज कराने में कोई दिक्कत नहीं होती, और उनकी वित्तीय परेशानियां कम हो जाती हैं। मेरी दादी जी को आयुष्मान भारत योजना से ऑपरेशन करवाने में काफी मदद मिली, क्योंकि यह सब मुफ्त था और इसके लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आया।

3. ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
पहले बुजुर्गों को ब्लॉक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान हो गई है। अब वे घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। मेरे गांव में कुछ बुजुर्गों ने बताया कि उनके बच्चों ने उनकी मदद से ऑनलाइन आवेदन किया और उनका पेंशन आसानी से शुरू हो गया। जिन बुजुर्गों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे ब्लॉक कार्यालय में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
4. पेंशन ट्रैकिंग सिस्टम
अब पेंशन ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए बुजुर्ग यह जान सकते हैं कि उनकी पेंशन कब उनके खाते में आएगी। इससे उन्हें पेंशन मिलने की तारीख का पता चल जाता है, और वे परेशान नहीं होते। मेरे एक पड़ोसी दादा जी ने बताया कि पहले उन्हें इंतजार करते-करते बहुत परेशानी होती थी, लेकिन अब ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए उन्हें अपनी पेंशन के बारे में तुरंत जानकारी मिल जाती है।
पेंशन की राशि राज्यों के अनुसार
Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme (IGNOAPS) (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना) की पेंशन राशि हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है।
- उत्तर प्रदेश में ₹500 से ₹1000 तक की पेंशन मिलती है, और अब इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए आधार लिंकिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है।
- महाराष्ट्र में बुजुर्गों को ₹600 से ₹1500 तक की पेंशन मिलती है, और यहां पर आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी मिलता है।
- राजस्थान में ₹750 से ₹1500 तक की पेंशन मिलती है। यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी मुफ्त इलाज की सुविधा है।
- तमिलनाडु में बुजुर्गों को ₹1000 की पेंशन मिलती है, और बुजुर्गों के लिए नियमित शारीरिक जांच की व्यवस्था भी की गई है।
- पंजाब में ₹500 से ₹1500 तक की पेंशन मिलती है, और वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को भी इसका लाभ मिलता है।
- गुजरात में बुजुर्गों को ₹700 से ₹1500 तक की पेंशन मिलती है, साथ ही मुफ्त स्वास्थ्य चेकअप और दवाइयां भी मिलती हैं।
- बिहार में ₹500 से ₹1000 तक की पेंशन मिलती है, और यहां भी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है।
- मध्य प्रदेश में ₹600 से ₹1000 तक की पेंशन मिलती है, और यहां पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को और सरल बना दिया गया है।
आवेदन प्रक्रिया
पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि से बुजुर्गों को रोजमर्रा के खर्चों में सहारा मिलता है। किसी भी वृद्ध को इलाज के लिए पैसों की कमी के कारण अस्पताल जाने में संकोच नहीं करना पड़ता। साथ ही, पेंशन राशि से उनकी जरूरतें जैसे भोजन, कपड़े, और अन्य खर्चों को कवर किया जा सकता है।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना जरूरी है। मैंने जब कुछ बुजुर्गों से पूछा कि उन्होंने आवेदन कैसे किया, तो उन्होंने बताया कि कुछ बुजुर्गों ने ऑनलाइन आवेदन किया और कुछ ने ऑफलाइन।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरें।
- जरूरी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और गरीबी रेखा प्रमाण पत्र अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें और आवेदन नंबर प्राप्त करें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:
- आप अपने नजदीकी ब्लॉक कार्यालय या समाज कल्याण विभाग में जाकर आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
- आवेदन फॉर्म भरकर सभी जरूरी दस्तावेज़ जमा करें।
- आवेदन सबमिट करें और पेंशन के लिए चयन प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करें।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- आयु प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- गरीबी रेखा प्रमाण पत्र

Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme (IGNOAPS) (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना) हमारे जैसे गांव के बुजुर्गों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। सरकार ने इस योजना के तहत कई सुधार किए हैं, जो बुजुर्गों की जिंदगी को आसान और खुशहाल बना रहे हैं। यह योजना बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है और उनके जीवन में एक नई उम्मीद पैदा कर रही है। अगर आप या आपके परिवार में कोई बुजुर्ग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप उनकी पात्रता और आवेदन प्रक्रिया को ध्यान से पढ़ें और इस योजना का फायदा उठाएं।
आपका जीवन खुशहाल हो और आप स्वास्थ्य के साथ जीवन जी सकें, यही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।